
जब रिश्ते खत्म होते हैं, तो कुछ लोग खामोश रहते हैं, तो कुछ अपने अंदाज में जवाब देते हैं। भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल ने भी कुछ ऐसा ही किया! ‘Be Your Own Sugar Daddy’ लिखी टी-शर्ट पहनकर कोर्ट से बाहर आते ही उन्होंने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। उनकी ये स्टाइलिश लेकिन तीखी प्रतिक्रिया तब सामने आई जब युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक को बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंजूरी दे दी। इस हाई-प्रोफाइल सेपरेशन को लेकर महीनों से अफवाहें उड़ रही थीं, लेकिन चहल की इस एक टी-शर्ट ने पूरी कहानी बयां कर दी! आखिर क्या है इस तलाक से जुड़ी पूरी कहानी? आइए जानते हैं।
क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और मॉडल-डांसर धनश्री वर्मा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने तलाक की मंजूरी दे दी है। अंतिम सुनवाई के बाद जब चहल अदालत से बाहर निकले तो उन्होंने अपनी जैकेट उतार दी, जिससे उनकी काली टी-शर्ट पर लिखा वाक्य – ‘Be Your Own Sugar Daddy’ साफ नजर आया।
चहल की टी-शर्ट बनी चर्चा का विषय
पपराज़ी ने चहल से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। सोशल मीडिया पर उनकी इस टी-शर्ट को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। एक यूज़र ने लिखा, “उसने सचमुच ‘Be Your Own Sugar Daddy’ लिखा टी-शर्ट पहना था।” एक अन्य ने कहा, “उनकी टी-शर्ट पर लिखा हर शब्द बहुत कुछ कह रहा है।”
धनश्री को मिल रही थी ट्रोलिंग
धनश्री वर्मा को पिछले कुछ महीनों से ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा था। कई लोग उन्हें कथित ₹60 करोड़ के भत्ते को लेकर निशाना बना रहे थे, जो कहा जा रहा था कि उन्हें चहल से मिला है। हालांकि, मंगलवार को यह खुलासा हुआ कि असल में चहल ने उन्हें ₹4.35 करोड़ की अलमारी दी है।
जल्दबाजी में हुआ तलाक
चहल और धनश्री ने आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए उन्होंने छह महीने की अनिवार्य कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति माधव जमदार ने बांद्रा फैमिली कोर्ट को निर्देश दिया कि वह 20 मार्च तक तलाक याचिका पर फैसला सुनाए, क्योंकि 21 मार्च के बाद चहल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के कारण उपलब्ध नहीं होंगे।
आईपीएल का 2025 सत्र 22 मार्च से शुरू हो रहा है और चहल इस बार पंजाब किंग्स टीम का हिस्सा हैं। चहल और धनश्री की शादी दिसंबर 2020 में हुई थी, लेकिन उनके अनुसार, वे जून 2022 से अलग रह रहे थे। 5 फरवरी को उन्होंने फैमिली कोर्ट में आपसी सहमति से तलाक की याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि दोनों ढाई साल से अलग रह रहे थे और मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान तय हुए अलमारी भुगतान की शर्तों का पालन किया गया था।
हालांकि, फैमिली कोर्ट ने कूलिंग-ऑफ पीरियड को माफ करने से इनकार कर दिया था क्योंकि चहल द्वारा पूरी राशि नहीं दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि उन्हें ₹4.75 करोड़ का भुगतान करना था, लेकिन उन्होंने सिर्फ ₹2.37 करोड़ दिए थे। इसके अलावा, विवाह सलाहकार की रिपोर्ट में भी आंशिक अनुपालन की बात कही गई थी।
अंततः हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को पलटते हुए तलाक को मंजूरी दे दी।