Govardhan Puja 2024 Date and Time: गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है और यह भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत को समर्पित है। इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। मथुरा, वृंदावन, गोकुल और बरसाना जैसे क्षेत्रों में इस त्योहार का विशेष महत्व है। आइए जानें गोवर्धन पूजा 2024 की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व, और पूजा विधि।

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गोवर्धन पूजा 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त | Govardhan Puja 2024 Date and Time
Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurat Timings: गोवर्धन पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को दोपहर 3:22 से शाम 5:34 बजे तक है। इस समय में पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
यदि सुबह के समय पूजा करनी हो, तो सुबह का मुहूर्त 6:34 से 8:46 बजे तक है। शाम का मुहूर्त 3:22 से 5:34 बजे तक है। इन मुहूर्तों में पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
गोवर्धन पूजा का महत्व क्यों है?
गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है, द्वापर युग से जुड़ी एक पौराणिक कथा को दर्शाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र देव के प्रकोप से गोकुलवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाया था। यह त्योहार विनम्रता, संरक्षण और प्रकृति एवं मानव के बीच के संबंध का प्रतीक है। गोवर्धन पूजा के माध्यम से भक्त प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
गोवर्धन पूजा का महत्व
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा करने से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। गोवर्धन पर्वत और गाय की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण के गोवर्धन स्वरूप की पूजा करने से परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है और घर में खुशहाली आती है।
गोवर्धन पूजा विधि
- गोवर्धन पर्वत का स्वरूप बनाना: घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और इसे रोली, चावल और फूलों से सजाएं। दीप जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें।
- पूजा सामग्री और अर्पण: पूजा में रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर और फूल का प्रयोग करें। भगवान को प्रसाद के रूप में भोजन अर्पित करें और पूरे परिवार के साथ मिलकर गोवर्धन की पूजा करें।
- सात परिक्रमा (प्रदक्षिणा): गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें और भगवान श्रीकृष्ण से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। इस दौरान मंत्रों का जाप करें।
- गायों को गुड़ और चावल खिलाना: गोवर्धन पूजा के दिन गायों को गुड़ और चावल खिलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है।
अन्नकूट का भोग: गोवर्धन पूजा का विशेष भोजन
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को अनेक प्रकार के अन्न, सब्जियाँ, दूध से बने मिष्ठान और फल अर्पित किए जाते हैं। इसे पहाड़ के आकार में सजाकर भगवान को समर्पित किया जाता है, जिसे बाद में प्रसाद के रूप में सभी में बाँट दिया जाता है।
गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा
द्वापर युग में गोकुलवासी भगवान इंद्र की पूजा करते थे, परंतु भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का महत्व बताया। इससे क्रोधित होकर इंद्र ने गोकुल में मूसलाधार बारिश भेज दी। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और सभी गोकुलवासियों तथा गायों को उसकी छाया में सुरक्षित रखा। इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ और उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमा माँगी। तब से इस दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है।
निष्कर्ष
गोवर्धन पूजा 2024 को 2 नवंबर को मनाने से भक्त भगवान श्रीकृष्ण और प्रकृति के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। शुभ मुहूर्त में पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। इस गोवर्धन पूजा पर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से सभी के जीवन में खुशहाली और संपन्नता बनी रहे।