मकर संक्रांति 2025: 19 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग, जानें इस खास पर्व से जुड़ी अनोखी बातें

मकर संक्रांति 2025 का पर्व हर साल पूरे भारत में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति कब है 2025 में, यह सवाल पहले से ही लोगों के मन में है। इस बार यह पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस साल की मकर संक्रांति खास है क्योंकि 19 साल बाद भौम पुष्प योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं इस पर्व की महत्ता, 2025 में मकर संक्रांति से जुड़े खास संयोग और इस दिन से जुड़े अनोखे रिवाज।

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति का पर्व भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों का जीवंत प्रतीक है। इस दिन का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक और खगोलीय तीनों दृष्टिकोणों से बेहद खास है।

  • धार्मिक महत्व:
    • मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसे सूर्य का उत्तरायण कहा जाता है।
    • इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान-पुण्य करते हैं।
    • सूर्य देव की पूजा कर लोग सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
  • सांस्कृतिक महत्व:
    • यह पर्व नई फसल के आगमन का प्रतीक है।
    • इस दिन तिल और गुड़ से बने व्यंजन खाए और बांटे जाते हैं।
    • पतंगबाजी की परंपरा इस पर्व का मुख्य आकर्षण है।
  • खगोलीय महत्व:
    • मकर संक्रांति के साथ ही दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं।
    • यह दिन प्रकृति के परिवर्तन का संदेश देता है।

मकर संक्रांति कब है 2025 और इसका दुर्लभ संयोग

अब सवाल यह है कि मकर संक्रांति कब है 2025 में? इस साल यह पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस दिन 19 साल बाद एक अद्भुत भौम पुष्प योग बन रहा है।

  • भौम पुष्प योग का महत्व:
    • यह योग मंगल ग्रह और पुष्य नक्षत्र के मिलन से बनता है।
    • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस योग में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
    • शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना, या किसी नए प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए यह दिन अत्यंत लाभकारी है।

मकर संक्रांति की तैयारियां

मकर संक्रांति 2025 को लेकर हर घर में तैयारियां जोरों पर हैं।

  • लोग तिल-गुड़ के लड्डू और अन्य मिठाइयां बना रहे हैं।
  • पतंग खरीदने और उड़ाने का क्रेज हर उम्र के लोगों में देखा जा सकता है।
  • मेलों और उत्सवों की रौनक ने बाजारों को गुलजार कर दिया है।

मकर संक्रांति का संदेश

मकर संक्रांति केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह नए आरंभ का प्रतीक है।

  • यह दिन हमें जीवन में सकारात्मक सोच अपनाने और नए संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
  • यह पर्व अज्ञान से ज्ञान, आलस्य से कर्म, और अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का संदेश देता है।

निष्कर्ष

मकर संक्रांति 2025 का यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों का दिन नहीं, बल्कि दुर्लभ भौम पुष्प योग के कारण विशेष महत्व रखता है। इस दिन शुभ कार्यों की शुरुआत करने और अपने जीवन में नए बदलाव लाने का उत्तम अवसर है।
तो इस बार मकर संक्रांति 2025 को पूरे हर्षोल्लास और आस्था के साथ मनाएं और प्रकृति के इस उत्सव का आनंद लें।

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